परीक्षा के समय एकाग्रता के लिए खानपान पर रखे सावधानी, दिमाग रहेगा शांत
परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है। सीजी बोर्ड की मुख्य परीक्षा शुरू होने वाली है तो वहीं अन्य कक्षाओं के होम एक्जाम शुरू हो चुके हैं। ऐसे में कई बच्चे परीक्षा के तनाव के चलते भोजन को महत्वपूर्ण न समझने की गलतियां करते हैं जबकि यह सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। परीक्षा के समय भोजन में लापरवाही बरतने से पढ़ाई में एकाग्रता में कमी और कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादातर बच्चे देर रात तक पढ़ाई करते के लिए काफी-चाय का सेवन करते हैं। वो मानते हैं कि इससे नींद नहीं आएगी। परंतु एक्सपर्ट बताते है कि चाय-काफी की जगह कैमोमाइल चाय ले। यह अच्छा तनाव निवारक है।इसके साथ ही बेहतर नींद चक्र बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा देर तक पढ़ाई करने के दौरान बीच-बीच में सूप, जूस, छाछ या फिर लस्सी ले सकते हैं। बेहतर एकाग्रता और याददाश्त के लिए आयुर्वेदिक मेमोरी बूस्टर को शामिल कर सकते हैं। परीक्षा के दौरान पढ़ाई के साथ हेल्दी डाइट का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। खाने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, मिनरल्स(सोडियम, पौटेशियम) को शामिल करें। परीक्षा के दौरान रोटी, हरी सब्जियां, दाल, चावल, दही और सलाद खाना चाहिए। डेली रुटीन के खानपान में ज्यादा बदलाव नहीं करना चाहिए। खाने में ज्यादा तैलीय और मसालेदार चीजों से परहेज करना चाहिए। काली मिर्च, जीरा, लौंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे इम्यूनिटी मजबूत होगी और ब्लड फ्लो भी नॉर्मल रहेगा।
जंक फूड और फास्ट फूड को पूरी तरह इग्नोर करें। इससे गट हेल्थ को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। पैक्ड फूड चिप्स, कुकीज, चॉकलेट जैसी चीजें खाने से बैड कार्बोहाइड्रेट, ट्रांस फैट बढ़ता है। इम्यूनिटी भी कमजोर होती है।
सुपाच्य हो भोजन
ज्यादातर पालक अपने बच्चे को रोटी सब्जी सहित पूरा खाना देने में विश्वास रखते हैं। परीक्षा के समय बच्चे में काफी स्ट्रेस होता है। ऐसे में हैवी भोजन से उल्टियां होने या फिर पेट संबंधित समस्या होने की आशंका रहती है। इसलिए ऐसा भोजन दें जो आसानी से खाया जा सके। इसमें दाल-चावल, रोटी को दाल या सब्जी में मिक्स कर सकते है, जिसे चम्मच से खाया जा सके। इसके अलावा बीच-बीच में नटस का शेक, जूस आदि भी ले सकते हैं। बाक्स नाश्ते की न करें अनदेखी अच्छी सेहत के लिए नाश्ता लेना बेहद जरूरी है। छात्रों को ध्यान रखना चाहिए कि नाश्ता जरूर करें। नाश्ता अपने इच्छानुसार करना चाहिए। इसके बाद तय अंतराल पर दोपहर का भोजन करें। एक कप चाय और बिस्किट का नाश्ता सही नहीं है। कुछ प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, फल या सब्जियां भी ले। दूध या दही के साथ फलों के टुकड़ों के साथ अनाज का एक कटोरा बेहतर है।
एग्जाम से पहले रटने से बचें
अक्सर बच्चे एग्जाम से पहले सिलेबस को समझने की जगह रटने लगते हैं। जबकि रटने से दिमाग पर बोझ पड़ता है। जिससे दिमाग जल्दी थका हुआ महसूस करता है और चीजों को समझने में परेशानी होती है। इसलिए रटने की जगह विषय को समझने की कोशिश करें। कॉन्सेप्ट समझकर पढ़ने की अप्रोच कठिन से कठिन चीज को भी आसान बना देती है, इससे आपका दिमाग भी रिलैक्स महसूस करेगा।
पढ़े हुए सिलेबस का रिवीजन जरूरी
बच्चे एक बार किसी विषय को पढ़कर उसे पलटकर नहीं देखते। उन्हें लगता है कि एक बार पढ़कर सब याद हो जाएगा। यह बहुत बड़ी भूल है। एग्जाम से पहले नियमित रूप से अपने नोट्स को रिवाइज करें। इसके लिए फ्लैशकार्ड, डायग्राम या छोटे-छोटे पॉइंट्स बनाएं। इससे चीजों को याद करने में आसानी रहेगी।
एग्जाम से पहले न लें स्ट्रेस
एग्जाम से पहले बच्चे स्ट्रेस लेने लगते हैं। जिससे याद किया हुआ भी भूल जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि एग्जाम के कुछ दिन पहले किसी भी तरह का तनाव अपने ऊपर हावी न होने दें। परीक्षा की तैयारी के दौरान भी तनाव से निपटने के लिए मेडिटेशन, खेल-कूद या कुछ देर मनपसंद कोई मूवी या म्यूजिक देख-सुन सकते हैं। पूरा सिलेबस कवर करने की चिंता की बजाय पढ़े हुए को रिवाइज करें।
7-8 घंटे की पूरी नींद बेहद जरूरी
परीक्षा की तारीख की घोषणा होते ही बच्चे पढ़ाई में इतने जुट जाते हैं कि उनका स्लीप साइकल भी डिस्टर्ब हो जाता है। नींद कम लेने से कोर्टिसोल नाम का हॉर्मोन बढ़ सकता है। इसका असर मैमोरी पर पड़ता है और चीजें ज्यादा देर तक याद नहीं रह पातीं हैं। इसलिए एग्जाम से पहले 7-8 घंटे की डीप स्लीप बहुत जरूरी है। इससे दिमाग को पर्याप्त मात्रा में आराम मिल सकेगा और दिमाग नई ताजगी के साथ बेहतर काम करेगा।