डायबिटीज के मरीजों में बढ़ता यूरिक एसिड हो सकता है खतरनाक
डायबिटीज की बीमारी बेहद ही खतरनाक बीमारी है, क्योंकि ये अंदर ही अंदर आपके अंगों को नुकसान पहुंचाती है और उन्हें कमजोर बना देती है, जिससे वो अंग ठीक से काम नहीं कर पाता. ऐसे में यूरिक एसिड का बढ़ना व्यक्ति को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. क्योंकि पहले से ही कमजोर अंग में यूरिक एसिड के क्रिस्ट्ल का जमना और उसका दर्द असहनीय बन जाता है.
मोटापा भी बढ़ाता है यूरिक एसिक का खतरा
मोटापा एक ऐसी समस्या है जो टाइप-2 डायबिटीज से लेकर यूरिक एसिड के खतरे को बढ़ाता है, मोटापा और फैट यूरिक एसिड होने का कारण बनता है. क्योंकि जब शरीर में फैट ज्यादा होता है और इंसुलिन का स्तर कम होता है, तो किडनी इन टॉक्सिन और वेस्ट पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने में असमर्थ हो जाती है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे व्यक्ति को गाउट की समस्या हो जाती है, जिससे हाथ और पैर के जोड़ दुखने लगते हैं. अगर डायबिटीज के मरीजों में यूरिक एसिड बढ़ता है, तो किडनी खराब होने और जोड़ों की बीमारियां होने का खतरा आम आदमी की तुलना में ज्यादा रहता है. अगर डायबिटीज के मरीज को घुटनों में दर्द या यूरिन संबंधित परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए, क्योंकि डायबिटीज के मरीज को यूरिक एसिड कंट्रोल में रखना बेहद ज्यादा जरूरी है. वर्ना परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है.
यूरिक एसिड को कैसे कम करें?
डायबिटीज के मरीज को यूरिक एसिड को सामान्य रखना चाहिए, ताकि उनकी समस्या ज्यादा न बढ़े इसकि लिए उन्हें-
– प्यूरिन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए. जैसे कि रात को दालें, शराब, मीट का सेवन न करें.
– वजन कंट्रोल करके भी यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है, इसलिए वजन को कंट्रोल में रखें.
– विटामिन सी वाले खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें, इससे यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिलेगी, इसके लिए नींबू, संतरा, स्ट्राबेरीज, ब्लूबेरीज जैसे फल खाएं.
– कॉफी भी यूरिक एसिड को कम करने में मदद करती है, इसलिए चाय की जगह कॉफी का सेवन करें.
– शराब यूरिक एसिड को बढ़ाती है, इसलिए एल्कोहल से दूर रहें.
– फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें.
– गर्म पानी पीने से भी यूरिक एसिड कम करने में मदद मिलती है, इसलिए नियमित तौर पर गर्म पानी का सेवन करें.