भारत जोड़ो न्याय यात्रा: पांच दिनों तक प्रदेश में रहेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। यह यात्रा 6200 किलोमीटर मुंबई पहुंचकर खत्म होगी। यह यात्रा छत्तीसगढ़ से होकर भी गुजरेगी। इस दौरान राहुल गांधी करीब पांच दिन तक छत्तीसगढ़ में रुकेंगे। छत्तीसगढ़ में 536 किलोमीटर की भारत जोड़ो न्याय यात्रा सात जिलों से होकर गुजरेगी। जिसका कांग्रेसीजन छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।
इस यात्रा को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी की इस यात्रा का आने वाले लोकसभा चुनाव पर भी व्यापक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि राहुल गांधी 100 से अधिक लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेंगे। इस दौरान वे जनता की आवाज को उठाएंगे। उनकी समस्याओं को पटल पर रखेंगे। लोगों से सीधा संवाद करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि राहुल गांधी की यात्रा से लोगों को काफी विश्वास है, भरोसा है, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश करेंगे।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होकर वापस लौटे पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा राहुल गांधी के इस यात्रा से देश में नए बदलाव का संकेत मिलेगा. भाजपा की ओर से राम मंदिर का अनुष्ठान और कांग्रेस की जारी यात्रा को लेकर दीपक बैज ने कहा, यात्रा का प्रभाव गरीब युवा पीड़ित बेरोजगारो को न्याय दिलाने के लिए है, ताकि सबके बीच में राहुल गांधी पहुंचे और उनकी भावनाओं को बातों को सुने. हम नया एजेंडा बनाकर लोकसभा चुनाव में जा सके और एक संकेत दे सके. लगातार शंकराचार्य इसका विरोध कर रहे हैं. मंदिर अधूरा है. रामनवमी में इसका शुभारंभ करना चाहिए.
सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी पर तंज करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी प्राय: मृत पार्टी हो चुकी है। बीजेपी सरकार बनने के बाद भी ऐसा लग रहा है कि राज्य केंद्रशासित प्रदेश बन गया है। यहां के मंत्रियों, यहां के नेताओं को कोई भी निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। छत्तीसगढ़ बीजेपी का निर्णय केंद्रीय सरकार कर रही है। छत्तीसगढ़ के नेता भाजपा में अस्तित्वविहीन हो चुके हैं। छोटे-छोटे निर्णय भी केंद्र सरकार की ओर से लिए जा रहे हैं। उन्होंने एक अखबार का हवाला देते हुए कहा कि उसमें लिखा है कि केंद्रीय मंत्री आएंगे और बैठक लेंगे। इसके बाद जिले के एसपी का तबादला होगा। पूरे देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि राज्य में पुलिस अधिकारियों निर्णय केंद्र सरकार और उसके केंद्रीय मंत्री ले रहे हैं।