छत्तीसगढ़ में आखिर किन परिवारों मिलेगा 500 रुपये में गैस सिलेंडर?
सीएम विष्णुदेव साय की अगुवाई में आज छत्तीगसढ़ सरकार के कैबिनेट की मीटिंग नया रायपुर स्थित मंत्रालय में होने जा रही है। यह मीटिंग इसलिए भी खास हैं क्योंकि मंत्रियों को विभागों के आबंटन के बाद यह पहली बैठक है। बात सस्ते गैस सिलेंडर की करें तो भाजपा ने अपने घोषणापत्र यानी ‘मोदी की गारंटी’ में इस बात का वादा किया था कि सत्ता में वापसी के बाद वह प्रदेश की जनता को महज 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराएँगे। भाजपा अब सरकार में हैं और आज कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा होगी। तो आखिर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर प्रदेश के किन लोगों को यह सस्ता सिलेंडर मिल पायेगा? क्या इनके दायरे में बीपीएल परिवार होगा या सिर्फ अंत्योदय परिवारों के लिए ही यह योजना होगी? या फिर हर परिवार इसका लाभ ले पायेगा? दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान जिस तरह भाजपा ने 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वायदा किया है। सरकार उस वायदे को पूरा करने वाली है और उसी के लिए ई केवाईसी किया जा रहा है। आधार प्रमाणीकरण के जरिए कनेक्शन धारी योजना के लिए पात्र हो जायेंगे। हालांकि, दूसरी तरफ इस योजना को लेकर फिलहाल राज्य सरकार ने कोई विस्तृत निर्देश जारी नहीं किया है। आपको बता दें कि भारत सरकार के तेल व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आदेश पर ई-केवाईसी की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसके जरिए देशभर में गैस कनेक्शनधारियों का ई केवाईसी किया जा रहा है।
मीडिया में छपी ख़बरों की माने तो पांच सौ रुपये में सिलेंडर मिलने की आस में बैठे लोगों को झटका लग सकता है। जानकारी के अनुसार अभी सिर्फ उज्जवला गैस कनेक्शन धारकों को ही इसका लाभ देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी उज्जवला गैस कनेक्शनधारकों को संबंधित गैस एजेंसी में ई-केवाईसी करवाना जरूरी है। हालाँकि यह भी संभव हैं की आने वाले दिनों में इसका लाभ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों को मिलेगा। फिलहाल इस संबंध में कोई क्राइटेरिया तय नहीं किया जा सका है। इसी विषय पर कैबिनेट में चर्चा भी होनी हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश में किन परिवारों को महज 500 रुपये में रसोई गैस मिल पाता हैं। कांग्रेस ने चुनाव से पहले भाजपा की इस मुद्दे में घेराबंदी भी की थी। उन्होंने कहा था कि उनके घोषणापत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया हैं कि इसका लाभ सभी को मिलेगा लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया हैं।