कांग्रेस को 2008 के बाद इन सीटों पर नहीं मिली सफलता, अब जीत का इंतजार - CGKIRAN

कांग्रेस को 2008 के बाद इन सीटों पर नहीं मिली सफलता, अब जीत का इंतजार


छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की चुनावी तस्वीर साफ हो चुकी है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरण में क्रमश: सात और 17 नवंबर को मतदान होगा। अब दोनों दलों के प्रत्याशी चुनावी महासंग्राम में कूद चुके हैं। इस बार सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी  के बीच दिलचस्प मुकाबला होने वाला है,  लेकिन क्या आपको पता है कि साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में तीन ऐसी सीटें भी हैं जहां से कांग्रेस को कभी भी चुनावी सफलता नहीं मिली। हालांकि, हर बार कांग्रेस इन सीटों पर कब्जा करने की पुरजोर कोशिश करती रही है। अब दोनों दल के प्रत्याशी चुनावी महासंग्राम में कूद चुके हैं। एक योद्धा की तरह एक दूसरे को मात देने के लिए चुनावी रण में पूरी तरह से तैयार हैं। प्रदेश कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने दावा किया कि पार्टी इस बार भाजपा के कुछ तथाकथित गढ़ों में सफलतापूर्वक सेंधमारी करेगी।

इन सीटों पर कांग्रेस को कभी नहीं मिला जीत का स्वाद

रायपुर शहर दक्षिण,  वैशाली नगर,  बेलतरा

साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ का गठन हुआ था और फिर अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ। हालांकि, भाजपा ने 2003, 2008 और 2013 का चुनाव जीतकर लगातार तीन बार सरकार बनाई, लेकिन 2018 का चुनाव हार गई। इस चुनाव में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर कब्जा किया, जबकि भाजपा के खाते में महज 15 सीटें आई थीं। वहीं, जेसीसीजे और बसपा को क्रमशः 5 और 2 सीटें मिली थीं।

रायपुर शहर दक्षिण- रायपुर शहर दक्षिण सीट पर भाजपा का कब्जा है। इस सीट का भाजपा के वरिष्ठ नेता और सात बार से विधायक पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यहां से कांग्रेस ने पूर्व विधायक महंत राम सुंदर दास को उतारा है।

वैशाली नगर- वैशाली नगर सीट भाजपा विधायक विद्यारतन भसीन के निधन के बाद से खाली है। इस सीट से भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही नए चेहरों पर दांव लगाया है। भाजपा ने रिकेश सेन तो कांग्रेस ने मुकेश चंद्राकर को उम्मीदवार बनाया है।

बेलतरा- बेलतरा सीट से भाजपा ने मौजूदा विधायक रजनीश सिंह का टिकट काट दिया और उनकी जगह पर नए चेहरे सुशांत शुक्ला पर दांव लगाया है, जबकि कांग्रेस ने बिलासपुर ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष विजय केसरवानी को उतारा है।

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