ग्राम पंचायत सचिवों पर कार्रवाई: सूचना आयोग ने ठोका 25-25 हजार रुपए का जुर्माना
जानकारी उपलब्ध कराने में की देरी
ग्राम पंचायतो पर कारवाही करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने 25- 25 हजार का जुर्माना लगाया है सचिव की लापरवाही से ग्राम पंचायत से आवेदकों को सही समय पर सुचना नही मिल पाई थी। ग्राम पंचायतों द्वारा आवेदकों को समय पर सूचना नहीं देने और कामों पर लापरवाही बरतने के कारण कार्रवाई की है। सूचना के अधिकार नियम का पालन नहीं करने पर जुर्माना लगाया गया है।
राज्य सूचना आयोग को प्राप्त द्वितीय अपील के एक प्रकरण में ग्राम पंचायत डुंडाबेडमा में आवेदक के द्वारा तत्कालीन जन सूचना अधिकारी से ग्राम पंचायत से संबंधित आय-व्यय, कैशबुक की छाया प्रति मांगी गई थी. किंतु जन सूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी देने में विलंब किया गया और आयोग के नोटिस का जवाब भी नहीं दिया गया. अन्य एक प्रकरण में ग्राम पंचायत करमा में आवेदक द्वारा वार्षिक लेखा रिपोर्ट की प्रति मांगी गई थी. लेकिन जन सूचना अधिकारी के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में लापरवाही बरती गई. इसी तरह ग्राम पंचायत रजगामार में आवेदक द्वारा अनुमोदित वार्षिक लेखा की रिपोर्ट की कॉपी मांगी गई.
लेकिन जन सूचना अधिकारी के द्वारा समय सीमा 30 दिवस में जानकारी नहीं दी गई और प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा भी कोई औपचारिक आदेश पारित नहीं किया गया. अतः राज्य सूचना आयुक्त ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारियों और ग्राम पंचायत के सचिवों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
25-25 हजार का लगा जुर्माना
बता दें कि डुंडाबेडमा में आवेदक ने तत्कालीन जन सूचना अधिकारी से ग्राम पंचायत से संबंधित आय-व्यय और कैशबुक की फोटो कॉपी मांगा था। जन सूचना अधिकारी के देर से देने पर और आयोग के नोटिस का जवाब भी नहीं दिया था। दूसरी ओर करमा में आवेदक ने वार्षिक लेखा रिपोर्ट मांगी थी। इससे जन सूचना अधिकारी ने सूचना का अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में लापरवाही की है। वहीं रजगामार में आवेदक ने अनुमोदित वार्षिक लेखा की रिपोर्ट की कॉपी मांगी गई। अधिकारी ने 30 दिन में जानकारी नहीं दी। इसके साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारी के भी कोई औपचारिक आदेश पारित नहीं किया। इसलिए राज्य सूचना आयुक्त ने जनसूचना अधिकारियों और ग्राम पंचायत के सचिवों पर 25-25 हजार रुपए की जुर्माना लगाया है।