राष्ट्रीय अधिवेशन से पुरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा
प्रियंका और राहुल जब जब साथ आते हैं, तो तस्वीर देखते ही बनती है। भाई बहन के बीच एक जोरदार बॉन्डिंग है। साथ चलते हुए कई बार दोनों बात करते भी नजर आए। सीएम बघेल ने जिस तरह से गुलाब की पंखुड़ियों बिछाकर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी का स्वागत करवाया, वह कई सियासी संदेश दे रहा हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी में 24 से 26 फरवरी तक चला कांग्रेस का तीन दिवसीय महाधिवेशन खत्म हो गया हैं। प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सीएम बघेल ने पार्टी के भीतर अपना कद बढ़ाकर अगले चुनाव में कांग्रेस के सीएम फेस होने का दावा ठोक दिया है। आगामी विधानसभा चुनाव से महज छह माह पहले हुआ कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन सीएम भूपेश बघेल के लिए कई मायने में महत्वपूर्ण था। इस अधिवेशन का फायदा छत्तीसगढ़ कांग्रेस को भी मिलेगा। क्योंकि जब पार्टी सत्ता में होती है, तो उसके कार्यकर्ता सुस्त हो जाते हैं। वे ज्यादा सक्रिय नहीं होते हैं। लेकिन इस तरह के भव्य आयोजन होने के बाद कार्यकर्ता चार्ज हो जाते हैं। यह अधिवेशन एक प्रकार से प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी अभियान की शुरुआत है।
कई राज्यों में छत्तीसगढ़ मॉडल को आगे रख पार्टी ने चुनाव लड़ा। हिमाचल प्रदेश में भी छत्तीसगढ़ की तरह पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का फैसला लिया गया। इसके अलावा राज्य सरकार की योजनाओं को दूसरे राज्यों में लागू करने के वादे किए गए। इसका चुनाव में असर देखने को मिला। कांग्रेस के 85वें अधिवेशन की कमान खुद सीएम भूपेश बघेल ने अपने हाथों में ले रखी थी। वहीं कई महत्वपूर्ण कार्य उन्होंने अपनी कोर टीम के सदस्यों को सौंप रखे थे। इस अधिवेशन में करीब 15 हजार नेता शामिल हुए थे। 15 हजार सदस्यों के लिए 1500 से ज्यादा गाड़ियों की व्यवस्था की गई थी। राज्य की कुछ स्कीम को केंद्र सरकार ने भी सराहा। लेकिन कांग्रेस के इस अधिवेशन के बाद हाईकमान की नजरों में बघेल की पहचान एक अच्छे मैनेजर के तौर पर होने लगी है। क्योंकि जिस तरह का सफल आयोजन उन्होंने करवाया वह पूरी पार्टी में एक मिसाल बनकर उभरा है। भविष्य में दोनों नेताओं की पार्टी में भूमिका बढ़ सकती है। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि इस अधिवेशन में प्रियंका और बघेल की जोड़ी को साथ आगे बढ़ने का सिग्नल मिला है...