सोनिया गांधी ले सकती है राजनीति से संन्यास....... सभा को संबोधित करते हुए दिया संकेत - CGKIRAN

सोनिया गांधी ले सकती है राजनीति से संन्यास....... सभा को संबोधित करते हुए दिया संकेत


छत्तीसगढ़ में चल रहे महाधिवेशन का आज दूसरा दिन है। सोनिया गांधी सभा को संबोधित करते हुए बड़े भावुक दिखी। उन्होने कहा कि यह अब मेरी आखिरी पारी हो सकती है....।  ‘कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा मेरी राजनीतिक पारी का अंतिम पड़ाव हो सकती है। सोनिया ने भारत जोड़ो यात्रा को देश में प्रेम सद्भाव और समानता के लिए एक टर्निंग पॉइंट बताया। उन्होंने कहा, 2004 और 2009 में हमारी जीत के साथ-साथ डॉ. मनमोहन सिंह के कुशल नेतृत्व ने मुझे व्यक्तिगत संतुष्टि दी, लेकिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मेरी पारी भारत जोड़ो यात्रा के साथ समाप्त हुई, जो कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। उन्होंने संबोधन के दौरान केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने एजेंसियों पर कब्जा कर लिया है। इससे पहले कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय महाधिवेशन के दूसरे दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शुरुआत करते हुआ सेवा, संघर्ष, बलिदान, सबसे पहले हिंदुस्तान का नारा दिया। अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की भाजपा सरकार पर प्रहार किया. खरगे ने कहा कि आज सेंट्रल एजेंसी की मदद से चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है। यहां तक कि कांग्रेस महाधिवेशन को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांगे्रस कार्यकर्ताओं ने इसका डटकर मुकाबला किया और अपना मुकाम हासिल किया। उन्होने कहा कि कोई कितनी भी हमारी पार्टी या कार्यकर्ताओं को तोडऩे की कोशिश कर ले पर कांग्रेस को कोई तोड़ नही पाया है और आगे को ऐसा कर भी नहीं पायेगा। हम सब एक है और एक ही रहेंगे। आगे कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने कांग्रेस के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में देश को अच्छी सरकार दी गई थी,लेकिन आज देश और कांग्रेस के चुनौतियों से भरा हुआ समय है। उन्होंने आगे कहा कि देश में अल्पसंख्यकों,दलितों और महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं, वहीं मोदी सरकार उद्योगपतियों का साथ दे रही है। सोनिया गांधी ने आगे कहा कि खरगे एक जमीनी कार्यकर्ता से लेकर कांग्रेस में सर्वोच्च पद तक की यात्रा भारत के उन आदर्शों को दर्शाती है जिनके लिए हमारा स्वतंत्रता संग्राम लड़ा गया था और हमारे संविधान के मूल्य हैं। यह आंतरिक लोकतंत्र की हमारी समृद्ध और अद्वितीय परंपरा को जारी रखता है।

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