पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया है. इससे पहले तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार शाम उन्हें दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था.
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पंजाब में हुआ था. उन्होंने 1952 और 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की. उन्होंने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से आर्थिक ट्रिपोस पूरा किया. वहीं साल 1962 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी. फिल. की उपाधि प्राप्त की. डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षण कार्य भी किया. इसके बाद वह 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में भारत सरकार में शामिल हुए और 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया गया. यूएनसीटीएडी (व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) सचिवालय में एक छोटे कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987-1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग का महासचिव नियुक्त किया गया था.डॉ. मनमोहन सिंह शांत और अपने सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे. वे काफी शांत स्वभाव के थे, इसी वजह से हर पार्टी के नेता उनका सम्मान करते थे. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार में वह 1985 से 1987 तक भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के पद पर भी रहे. मनमोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम किया. वहीं वे 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे. इस दौरान उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधार किए.
आर्थिक सुधारों में योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह ने देश में हुए आर्थिक सुधारों में अहम रोल निभाया था. वह साल 1991 में पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री भी रहे थे. उन्होंने देश में दारीकरण, निजीकरण और वैश्विकरण से जुड़े कई ऐलान किए थे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली थी. मनमोहन सिंह को कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.