छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं. विष्णुदेव साय सरकार को एक साल बीत गए हैं. सरकार ने पहले एक मंत्री पद रिक्त रखा गया था, लेकिन बृजमोहन अग्रवाल के सांसद निर्वाचित होने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में दो पद रिक्त हो गए. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर एक घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली है। इस मुलाकात में छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार पर गंभीर मंथन होने की संभावना जताई जा रही है। साय मंत्रिमंडल में इस वक्त मंत्रियों के दो पद रिक्त हैं. संगठन की कोशिश है कि हरियाणा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी 14 मंत्रियों का फार्मूला लागू किया जाए. बस केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी मिलने का इंतजार है. सत्ता और संगठन के अहम चेहरे दिल्ली दौरे पर हैं, जहां एक उच्च स्तरीय बैठक की गई है. इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव समेत कई नेता शामिल थे. सूत्रों के अनुसार, 26 से 31 दिसंबर के बीच, क्रिसमस के बाद और नए साल के आगमन से पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
नए साल से पहले छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज
Tuesday, December 24, 2024
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छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं. विष्णुदेव साय सरकार को एक साल बीत गए हैं. सरकार ने पहले एक मंत्री पद रिक्त रखा गया था, लेकिन बृजमोहन अग्रवाल के सांसद निर्वाचित होने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल में दो पद रिक्त हो गए. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर एक घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा चली है। इस मुलाकात में छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार पर गंभीर मंथन होने की संभावना जताई जा रही है। साय मंत्रिमंडल में इस वक्त मंत्रियों के दो पद रिक्त हैं. संगठन की कोशिश है कि हरियाणा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी 14 मंत्रियों का फार्मूला लागू किया जाए. बस केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी मिलने का इंतजार है. सत्ता और संगठन के अहम चेहरे दिल्ली दौरे पर हैं, जहां एक उच्च स्तरीय बैठक की गई है. इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव समेत कई नेता शामिल थे. सूत्रों के अनुसार, 26 से 31 दिसंबर के बीच, क्रिसमस के बाद और नए साल के आगमन से पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।
संभावित नामों में इन विधायकों के नाम , गजेंद्र यादव की लग सकती है लॉटरी
मंत्रिमंडल विस्तार की हर चर्चा में दुर्ग शहर के विधायक गजेंद्र यादव का नाम सामने आता रहा है. गजेंद्र यादव आरएसएस के पूर्व प्रांत प्रमुख बिसराराम यादव के बेटे हैं. कहते हैं कि साय मंत्रिमंडल के गठन के वक्त भी गजेंद्र यादव के नाम पर चर्चा की गई थी, मगर तब किन्हीं कारणों से उनका नाम अंतिम सूची में नहीं आ सका था. यादव समाज से आने की वजह से भी उनका पलड़ा भारी है. राज्य में ओबीसी वर्ग में साहू समाज के बाद सर्वाधिक संख्या यादवों की है. ऐसे में सामाजिक समीकरण भी गजेंद्र यादव के पक्ष में बनते दिख रहे हैं. इधर बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल का नाम भी संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में तेजी से उछला है. 14 साल तक मंत्री रह चुके अमर अग्रवाल रिजल्ट ओरिएंटेड काम करने के लिए पहचाने जाते हैं. भीड़ से अलग रहकर काम करने में भरोसा करने वाले अमर अग्रवाल ने पूर्ववर्ती रमन सरकार में आबकारी पॉलिसी बनाई थी. शराब बिक्री का ठेका सिस्टम खत्म किया था. इस फैसले से आबकारी राजस्व में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई थी. अमर अग्रवाल देश में इकलौते चेहरे रहे हैं, जो सर्वाधिक लंबे समय तक जीएसटी काउंसिल में बतौर सदस्य शामिल थे. मंत्रिमंडल विस्तार में राजेश मूणत का नाम भी सुर्खियों में है. रमन सरकार में आवास एवं पर्यावरण, ट्रांसपोर्ट, पीडब्ल्यूडी, नगरीय प्रशासन जैसे बड़े विभाग संभाल चुके मूणत की पहचान बड़े से बड़ा टास्क पूरा करने के लिए जाना जाता है. विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह के करीबी माने जाते हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के लिए संभावित नामों में अजय चंद्राकर भी एक नाम हैं. तेजतर्रार छवि के अजय चंद्राकर अपने संसदीय ज्ञान और गहरी राजनीतिक समझ के लिए पहचाने जाते हैं. अगर बस्तर संभाग से मंत्रिमंडल में चेहरा लिए जाने की वकालत की गई, तब ऐसी स्थिति में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव का नंबर लग सकता है. लोकसभा चुनाव में किरण देव अपने नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन कर चुके हैं. विक्रम उसेंडी भी एक अहम नाम साबित हो सकते हैं. इन संभावित नामों के इतर रायपुर दक्षिण उप चुनाव जीतने वाले सुनील सोनी भी वाइल्ड कार्ड एंट्री पा सकते हैं. सांसद रहते सुनील सोनी की टिकट कट गई थी. उनकी जगह बृजमोहन अग्रवाल को पार्टी ने लोकसभा चुनाव लड़ाया था. लोकसभा चुनाव जीतने के बाद बृजमोहन अग्रवाल की खाली हुई रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से सुनील सोनी ने चुनाव लड़ा और बड़ी जीत दर्ज की. किन्हीं कारणों से पूर्व मंत्रियों का पत्ता मंत्रिमंडल विस्तार में कटता है, तब ऐसी स्थिति में सुनील सोनी का नंबर लग सकता है.
हो सकते हैं 14 मंत्री- यह ध्यान में रखना जरूरी है कि हरियाणा में भी छत्तीसगढ़ की तरह 90 विधायक हैं। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से, पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी और बाद में डॉ. रमन सिंह के मंत्रिमंडल में 17 से 18 मंत्री हुआ करते थे, लेकिन 2003 में संविधान संशोधन के बाद बड़े राज्यों के लिए मंत्रिमंडल में विधायकों की संख्या का 10 फीसदी और छोटे राज्यों के लिए 15 फीसदी तय किया गया। इसके बाद से छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल को 13 सदस्यों तक सीमित कर दिया गया था, हालांकि जानकारों के अनुसार, अब छत्तीसगढ़ में 14 मंत्री हो सकते हैं।
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