कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे उपराष्ट्रपति धनखड़ - CGKIRAN

कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे उपराष्ट्रपति धनखड़


भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 20 जनवरी को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। श्री धनखड़ कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने में कारगर धान की नवीन किस्म संजीवनी से निर्मित तीन उत्पादों का लोकार्पण भी करेंगे। यह किस्म इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भाभा अटॉमिक रिसर्च सेन्टर, मुम्बई के साथ किये गये अनुसंधान द्वारा विकसित की गई है। उपराष्ट्रपति इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो एक दिवसीय संगोष्ठियों का शुभारंभ भी करेंगे जिनमें से एक कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप नवाचार एवं उद्यमिता विकास पर केंद्रित होगी। कार्यक्रम में सीएम साय भी मौजूद रहेंगे। समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन करेंगे। समारोह में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव , विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम और विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद रायपुर सुनील सोनी, धरसींवा विधायक अनुज शर्मा और रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू भी उपस्थित रहेंगे।

स्थापना दिवस समरोह में उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित धान की इम्यूनोबूस्टर एवं कैंसर रोधी किस्म संजीवनी से निर्मित तीन उत्पादों संजीवनी इंस्टैन्ट, संजीवनी मधु कल्क तथा संजीवनी राइस बार का लोकार्पण करेंगे। उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करते हुए धान की एक नवीन औषधीय किस्म ‘‘संजीवनी’’ विकसित की है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा कैंसर कोशिकाओं की रोक-थाम में उपयोगी पाई गई है। संजीवनी का विकास छत्तीसगढ़ की पारंपरिक देशी औषधीय धान की किस्मों से चयन द्वारा किया गया है। इसके औषधीय गुणों के वैज्ञानिक आधार का विस्तृत विश्लेषण कर एक ऐसी प्रजाति का विकास किया गया है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सक्षम है तथा केवल 10 दिन तक इसका उपयोग करने पर प्रतिरोधक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह किस्म भाभा अटॉमिक रिसर्च सेन्टर, मुम्बई के सहयोग से विगत छह वर्षां तक किये गये अनुसंधान के द्वारा विकसित की गई है।

उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की स्थापना 20 जनवरी 1987 को हुई थी। इस विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ प्रदेश में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है, जिसे विश्वविद्यालय अपने 28 महाविद्यालयों, 08 अनुसंधान केन्द्रों एवं 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित कर रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात् 52 फसलों की लगभग 162 प्रजातियों का विकास किया गया है एवं कृषि से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए 100 से अधिक तकनीकें विकसित की गई है।

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