बजट से अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निराशा - CGKIRAN

बजट से अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को निराशा

 


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने  अपनी सरकार का पांचवा बजट पेश कर दिया। बजट में सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई है लेकिन प्रदेश के अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को गहरी निराशा हाथ लगी है। बजट नें अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कुछ नही कहा गया है। यानी चुनावी वर्ष में उनके मंसूबे पर पानी फिर गया है। उन्हें नियमितिकरण के लिए अभी और इंतजार करना होगा। सीएम भूपेश बघेल और सरकार के बजट से निराश प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों ने 12 मार्च को एक बड़ी सभा आयोजित की है. इस सभा में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. 

चुनावी साल के बजट पर हर आम और खास की नजर थी. दोपहर में सीएम भूपेश बघेल ने बजट पेश करते हुए एक के बाद एक सौगातों की झड़ी लगा दी. हर क्षेत्र के मतदाताओं के खुश करने की कोशिश बजट में की गई. बावजूद इसके सरकारी कर्मचारियों ने बजट को लेकर निराशा जाहिर की. हालांकि कुछ किसानों और व्यापारियों ने इसकी सराहना भी की.

12 मार्च को होगी कर्मचारियों की बड़ी सभा- अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक गोपाल साहू ने कहा कि कांग्रेस सरकार का अंतिम बजट हमारे जैसे कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है. सरकार ने अपनी अंतिम बजट में अनियमित कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार का प्रावधान न कर इनके अधिकारों और सपनों को कुचले का काम किया है. इसलिए हमारा सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा. इसके लिए 12 मार्च को नया रायपुर के धरना स्थल तुता में अनियमित कर्मचारी सभा का आयोजन किया जाएगा. इसमें आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी. इसमें प्रदे शभर से हजारों अनियमित कर्मचारी शामिल होंगे. 

चुनावी घोषणा पत्र के समय एक हाथ में गंगाजल और एक हाथ में चुनावी मेनिफेस्टो लेकर कांग्रेस सरकार ने कहा था कि हम 10 दिन के अंदर कर्मचारियों का नियमितीकरण करेंगे. उसके बाद उन्होंने कहा था कि पहला साल का किसान होगा. दूसरा साल कर्मचारियों का होगा. मगर ऐसा नहीं हुआ.

 चुनावी साल के बजट पर हर आम और खास की नजर थी. दोपहर में सीएम भूपेश बघेल ने बजट पेश करते हुए एक के बाद एक सौगातों की झड़ी लगा दी. हर क्षेत्र के मतदाताओं के खुश करने की कोशिश बजट में की गई. बावजूद इसके सरकारी कर्मचारियों ने बजट को लेकर निराशा जाहिर की. हालांकि कुछ किसानों और व्यापारियों ने इसकी सराहना भी की

नियमितीकरण पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जवाब- गौरतलब है कि नियमितीकरण की प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में लिखित जवाब दिया है. उन्होंने बताया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश 2019 में ही प्रमुख सचिव, वाणिज्य और उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. इस समिति की पहली बैठक 2020 में हुई थी.  उन्होंने बताया  कि इसमें  शाशन के सभी 44 विभागों से प्रदेश के अनियमित, दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या की जानकारी मांगी गई थी. लेकिन अबतक 38 विभाग से ही जानकारी मिली है. अभी 8 विभागों से जानकारी बाकी है इसलिए नियमितीकरण करने का समय बताना संभव नहीं है.

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