अनहोनी को टालने की परंपरा का कर रहे निर्वाह, एक हफ्ते पहले ग्रामीण मनाते हैं 'होली', खूब खेलते हैं रंग
अमरपुर में एक सप्ताह पहले होली खेलने की परंपरा कोरिया में प्रसिद्ध है। वहीं ग्रामीणों ने ढोलक, मंजीरे की थाप, फाग गीतों पर जमकर झूमे और एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली खेली।
छत्तीसगढ़ में एक ऐसा अनोखा गांव है. जहां होली का त्योहार एक हफ्ते पहले ही मना लिया गया. इस गांव में कई साल पहले जब तिथि के अनुसार त्योहार मनाए जाते थे... तो हर बार किसी न किसी के परिवार में अनहोनी हो जाती थी... इसलिए इनके पूर्वजों ने कई साल पहले ही समय से पहले त्योहार मनाने की परंपरा शुरू कर दी थी. जी हां इस गांव में बुधवार को धूम धाम से होली मनाई गई. गांव में जमकर रंग बरसे, फाग गीतों के बीच ग्रामीणों ने होली खेली. ये कोरिया जिले का अमरपुर गांव हैं. दरअसल यहां एक हफ्ते पहले होली मनाने की प्रथा बरसों से चली आ रही है. सिर्फ होली ही नहीं बल्कि अन्य त्योहार भी समय से पहले ही मना लिए जाते हैं..
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के ग्राम पंचायत अमरपुर में एक सप्ताह पहले बुधवार को धूमधाम से होली पर्व मनाया गया। ग्रामीणों ने एक दिन विधि-विधान से होलिका का दहन किया फिर देवल्ला में पूजा-अर्चना कर एक दूसरे को रंग-गुलाल और अबीर लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। वहीं गांव के बुजुर्ग व युवा वर्ग फाग गीतों पर जमकर झूमते नजर आए। यह परंपरा यहां वर्षों से चली आ रही है, इसके पीछे गांव वालों का डर है। ऐसी मान्यता है कि यदि सप्ताहभर पूर्व होली नहीं बनाई जाती है तो गांव में कोई न कोई अनहोनी हो जाती है।
गांव के संरपंच धनेश्वरी सिंह, पूर्व पच राकेश कुमार यादव और स्थानीय रामशरण के अनुसार त्यौहार एक सप्ताह पहले मनाने से गांव के किसी परिवार में अनहोनी व किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं होती है। गांव के लोगों को अनहोनी से बचाने के लिए वर्षों से एक सप्ताह पहले होली खेली जाती है। वहीं, पूर्वजों ने सालों पहले होली को पहले मनाने का रिवाज बनाया है।